एक सफर का साथी वो था
आज के सफर का साथी कोई नहीं
मेरे जीवन का लाठी वो था
आज का लाठी कोई नहीं
माँगा क्या था तुझसे सिर्फ तेरे साथ के अलावा
तू वो भी न दे सका तो कोई और शौक नहीं
एक सफर का साथी वो था
आज के सफर का कोई नहीं
सही कहा था किसी ने
की अपनों मै ही दगाबाज़ मिलेंगे
क्यूंकि औरो में अपनों वाली बात नहीं
एक सफर का साथी वो था
आज के सफर का कोई नहीं।
पीहू।
दिल की बात
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