बहुत ही वफ़ा की थी तुझसे यह सोचके की तू मेरा साथ निभाएगा
मुझे यह न पता था की तू मुझे यूह छोड़के जायेगा
जाने के बाद तेरे क्या क्या नहीं सुना है मैंने दुनिया से
एक पल मै तू ऐसे ही बदल जायेगा
तुझे देखके आज भी आँखे रो पड़ती है
तुझे पाने की चाहत जोर से करती है
कर नहीं पाती हु अपनी मोहब्बत का इज़्हार तुझसे
पर तेरी याद मै खुदको जलाती है
तू नहीं समझेगा इश्क़ मेरा
पर यह पीहू तुझे बेइंतेहा चाहती है।
पीहू।
दिल की बात
Comments
Post a Comment