बहोत है मुझे उनका हिस्सा बनाने के लिए
पर इस दिल मै आज भी तू है
मिलना हर कोई चाहता है मुझसे
पर बहाने पास मेरे अनेक है
तुझे बता दू यह आज भी वही मोहब्बत है
जो तुझसे पहली बार हुई थी
तुझे बिना देखे जब मेरी रात न हुई थी
बातो का सिलसिला युः ही चलता रहा
अब तो एक अरसे से हमारी मुलाकात न हुई
सब कहते है बेतुख तुझे
पर जनाब
उनकी आपसे मुलाकात न हुई
वरना समझ जाते मेरी मोहब्बत की किमत
जिसे बिना लिखे मेरी शाम न हुई
वैसे तुम्हे भी क्या पता मोहब्बत मेरी
क्यूंकि तुम्हे चाह दे कोई हम जैसा
ऐसी कोई दूजी क़ायनात ना हुई।
पीहू।
दिल की बात
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