ममता का चादर ओढ़ के तुम आये हो जन्नत से माँ ,
दिल के बंधन को जोड़ के हमें बुलाये हो माँ।
हम तेरे दासी है क्यों की तू हमारी जन्नत है ,
हमें तो तेरी चरणों के धूल बनना है माँ।
अब चाहत है मरने के पहले भी देखूँ तुझे मै ,
दिल सिमट सा जाता है तेरी आँखों में झाँख के माँ।
बस यूह ही चाहना हमें अपनी पलकों पे सजा के,
नाम तेरे की है जिंदगी पूरी कुर्बान माँ।
-पूजा पांडेय
"दिल की बात"
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