आज तलब मेरे छत से तेरा छत नहीं दिखा
तुझसे टूटते ही आज मेरे छत से तेरा छत दिखा
कैसी दिवानगी तुझे खोने पे छाई है
आज दिल को मेरे फिर तेरी याद आई है
लगता है जैसे याद कोई कर रहा
ऐसी कश्मकश मेरी ज़िन्दगी मै आयी है
खबर नहीं तेरी मिल रही मोहल्ले से
बड़ी उल्फत से यह घटा छायी है
लगता है जैसे याद कोई कर रहा
ऐसी कश्मकश मेरी ज़िन्दगी मै आयी है।
पीहू।
दिल की बात
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