मेरे जीवन का अंत शायद नजदीक है, मौत हर समय मेरे सामने मंडरा रही है। जीवन मैं खुशी के पल से ज्यादा मैंने दुखों को देखा है। बहुत लड़ाई लड़ी जिंदगी से अब शायद हारने वाली हु, पता नही कब क्या कर बैठूं कुछ समझ नहीं आ रहा।
ऐसा लग रहा है जैसे मेरे जीवन की सुई रुक सी गई है। चारो ओर अंधेरा छाया है मेरे, किसी न कोई लगाव हो रहा है न ही किसी से ताल मेल बैठ रहा है।
दिल को बस थामने की कोशिश कर रही हूं, कुछ करने से डर रही हु।
बेटी न होती तो शायद कोई दूसरा रास्ता निकाल लेती, बेटी है इसलिए रोज मर मर के जिए जा रही हु।
अब थकान सी हो रही है जिंदगी से जिसने मुझे सुख दूर से दिखाए जैसे ही सुख के पास पहुंची मैं दुखों से टूट गई।
पहला दुःख गलत घर शादी होना , दूसरा दुःख न चाहते हुए सब सही होने की उम्मीद रखना, तीसरा दुःख बच्ची को अच्छा जीवन न दे पाना, चोथा दुःख परीवार से दूर रहना, पांचवा दुःख कमाई के साथ खुद का सर पे छत न होना और आखरी दुःख अपनो को छोड़ जीवन त्यागने की सोचना।
मेरा दुःख कभी खत्म नही हुआ था, बस मैंने हर औरत जात पे भरोसा करके अपनी बसी बसाई गृहस्ती उजाड़ दी और आज दु:खों के सैलाब मैं सही से गोते भी नही लगा पा रही।
भगवान हर घर एक लड़की दे ताकि दुनिया के हर मां बाप उसका दुःख समझके किसी और की बेटी को दुःखी न करे। या हर घर के लड़के कुंवारे रखो जिस घर बेटी न हो, क्योंकि ना कोई वहा एक लड़की को समझ सकता है न किसी के बेटी होने का दुःख।
मुझे नही पता मैं कल रहूं या ना रहु पर अपनी बेटी को मैं किसी गलत हाथ जाने नही देना चाहती।
बेटी अपने पिता के साथ रहे जब तक उनके जीवन मैं कोई पराई स्त्री ना आ जाए, कोई आती है तो बेटी मेरे मायके रहना चाहे तो रहे वरना उससे आश्रम भिजवा दे।
मैं अपने जीवन खराब होने का श्रय उन हर लोग को देती हु जिसने आज तक मुझे दुःखी करने मैं कोई कसर नहीं छोड़ी।
मुझे नही पता मैं कब तक जीवित रहूं पर हा मरने पे मेरे अपनो को मुझसे दूर रखना जिसके वजह से मेरा 2024 बर्बाद हुआ।
मुझे नही पता कब तक किसी को यह ब्लॉग दिखे मेरा, पर हां मेरा अब सबको छोड़ के जाना निश्चित है।
मैं अब और संगर्ष नही करना चाहती ना रोज आंसू बहाके घुटना चाहती हू बस अपनी जिंदगी अपने मर्जी से खत्म करना चाहती हू।
मेरे गुनेहगार सबसे बड़ा भगवान है जिसने मुझे यूं तड़पने के लिए छोड़ दिया ऐसी मतलबी दुनिया मैं।
तुम अच्छे हो बस मेरे वजह से तुम्हे तकलीफ बहुत होती है उसके लिए सॉरी बट सच मैं थक गई मैं अब अपने हालातो डिप्रेशन से लड़ते लड़ते।
आशका लव यू बहुत सारा सॉरी बेटा हमेशा तुम्हे गुस्से मैं पिट देती हु, मैं चाहूंगी तुम्हे अच्छा जीवन मिले और बहुत ही सपोर्टिव घर मिलें वो हमेशा तुम्हे बेटी बनाके रखे, मेरे जैसा जीवन कभी भी तुम्हारी परछाई न बने और अपने पापा को बहुत प्यार करना।
लव यू मम्मी पापा रिशू सॉरी मैं अब और नहीं सह पाई यह दुःख भरा जीवन। कुशल और आशका का खयाल रखना उन्हें कभी मत छोड़ना बाकियों की तरह।
मैं जो भी कर रही हु उसकी जिम्मेदार मैं और मेरे हालात खुद है।
जब तक यह ब्लॉग आप तक पहुंचेगा शायद मैं जा चुकी होंगी, यह लिखते समय बहुत रो रही हु मै की दूर जाऊंगी पर मेरे पास कुछ लोगो ने कोई ऑप्शन छोड़ा नही है।
आपकी पूजा (piku)
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