मेरे जीवन का अंत शायद नजदीक है, मौत हर समय मेरे सामने मंडरा रही है। जीवन मैं खुशी के पल से ज्यादा मैंने दुखों को देखा है। बहुत लड़ाई लड़ी जिंदगी से अब शायद हारने वाली हु, पता नही कब क्या कर बैठूं कुछ समझ नहीं आ रहा। ऐसा लग रहा है जैसे मेरे जीवन की सुई रुक सी गई है। चारो ओर अंधेरा छाया है …